आरती : बाजे छम छम छम छमा छम बाजे घुँघरू बाजे घुँघरू | Aarti: Baje cham cham cham chama cham baje ghunghroo
बाजे छम छम छम छमा छम बाजे घुँघरू बाजे घुँघरू
हाथों में दीपक लेकर आरती करूँ
बाजे छम छम
प्रभु को उठाया हाथी पे बैठाया (२)
पांडुक बन अभिषेक कराया, इसलिए प्रभु तेरी आरती करूँ
दीपक ज्योति से आरती करूँ (२)
वीर प्रभुजी की मूरत निहारूँ (२)
ध्यान लगन चरणों में धरूँ
चरणों में धरूँ
हाथों में दीपक लेकर
हम सब प्रभु के गुण को गाएँ
प्रभुजी के चरणों में शीश झुकाएँ
इसलिए प्रभु तेरी आरती करूँ
प्रभु तुम बिन मोहे कोई ना संभाले
प्रभु तुम बिन कोई ना पारे लगावे
मेरी यही चाह और कुछ ना कहूँ
हाथों में दीपक लेकर आरती करूँ
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